जिंदगी का खेल भी शतरंज की बिसाख पर है बिछा पड़ा जिंदगी का खेल भी शतरंज की बिसाख पर है बिछा पड़ा
शैतानी देख कहती, खाना अब न दूँगी तुझे, फिर मार मार के माँ का खिलाना अच्छा लगता है. शैतानी देख कहती, खाना अब न दूँगी तुझे, फिर मार मार के माँ का खिलाना अच्छा लगता ह...
कितनी रंगीन है तुम्हारी दुनिया अजब रंगों से सजी रहती हो. कितनी रंगीन है तुम्हारी दुनिया अजब रंगों से सजी रहती हो.
मिल जाएं अगर तुमसे बेहतर चंद लम्हों में आशिक बदलता है। मिल जाएं अगर तुमसे बेहतर चंद लम्हों में आशिक बदलता है।
फिर से जैसे जिंदगी की ओर मुड़ने लगी हूं। फिर से जैसे जिंदगी की ओर मुड़ने लगी हूं।
कशिश अजीब है उनकी आंखों में, ना जाने क्यूं दिखी है फ़िरदौस उनकी आखों में! कशिश अजीब है उनकी आंखों में, ना जाने क्यूं दिखी है फ़िरदौस उनकी आखों में!